Vegan Sources Of Vitamin B12-वेगन स्रोतों से विटामिन बी-12 प्राप्त करने के उपाय

आजकल Vegan lifestyle बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, Vegan Sources Of Vitamin B12 –खासकर शहरी युवाओं और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के बीच। Vegan Diet एक ऐसा आहार है जिसमें किसी भी प्रकार के पशु उत्पाद का सेवन नहीं किया जाता, जैसे कि दूध, दही, अंडा, मांस आदि। इस तरह के पौधों पर आधारित आहार में ढेर सारे फायदे हैं – जैसे कि कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होना, वजन नियंत्रित रहना, हृदय रोगों का खतरा कम होना आदि। लेकिन इस आहार का एक बड़ा चुनौतीपूर्ण पहलू है .

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Vitamin B12 एक ज़रूरी पोषक तत्व है जो मुख्यतः पशु उत्पादों में पाया जाता है, जैसे कि दूध, अंडा, मांस, मछली आदि। यह विटामिन हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण, मस्तिष्क के स्वास्थ्य, नर्व फंक्शन और DNA संश्लेषण के लिए बेहद आवश्यक है। इसकी कमी से शरीर में थकावट, स्मरण शक्ति में कमी, चिड़चिड़ापन, और यहां तक कि न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।

Vegan लोगों को Vitamin B12 की कमी का सामना सबसे अधिक करना पड़ता है क्योंकि उनके आहार में यह विटामिन प्राकृतिक रूप से उपस्थित नहीं होता। इसलिए यह आवश्यक है कि वे अपनी डाइट में ऐसे विकल्प शामिल करें जो या तो B12 से फोर्टिफाइड हों या उन्हें पूरक (supplements) के रूप में लिया जाए।

Vegan Sources Of Vitamin B12
Vegan Sources Of Vitamin B12

फोर्टिफाइड फूड्स: एक प्राकृतिक विकल्प

विटामिन B12 की पूर्ति के लिए सिर्फ सप्लीमेंट ही नहीं, बल्कि कुछ ऐसे फोर्टिफाइड फूड्स (fortified foods) भी उपलब्ध हैं जिन्हें नियमित आहार में शामिल करके इस आवश्यक पोषक तत्व की कमी को दूर किया जा सकता है। फोर्टिफिकेशन का मतलब है — किसी खाद्य पदार्थ में विशेष रूप से आवश्यक पोषक तत्वों को मिलाया जाना, ताकि वह स्वास्थ्यवर्धक बन सके। वेगन डाइट को अपनाने वाले लोगों के लिए यह एक बेहतरीन तरीका है B12 प्राप्त करने का।

वेगन फोर्टिफाइड फूड्स के मुख्य स्रोत:

  1. फोर्टिफाइड प्लांट मिल्क्स (जैसे सोया मिल्क, बादाम मिल्क, ओट मिल्क):
    • आजकल बाजार में मिलने वाले कई प्लांट-बेस्ड मिल्क ब्रांड्स B12 से फोर्टिफाइड होते हैं।
    • एक कप दूध से लगभग 1-3 माइक्रोग्राम B12 प्राप्त हो सकता है।
  2. फोर्टिफाइड ब्रेकफास्ट सीरियल्स:
    • कई ब्रांड्स अपने कॉर्न फ्लेक्स, म्यूसली या ओट्स में B12 जोड़ते हैं।
    • यह नाश्ते के साथ B12 लेने का आसान तरीका है।
  3. न्यूट्रिशनल यीस्ट:
    • यह एक पाउडर जैसा उत्पाद होता है जिसे पॉपकॉर्न, पास्ता, सलाद या टोस्ट पर छिड़का जा सकता है।
    • स्वाद में पनीर जैसा होता है और यह B12 से भरपूर होता है (यदि फोर्टिफाइड हो)।
  4. फोर्टिफाइड वेगन मीट/टोफू प्रोडक्ट्स:
    • कई वेगन बर्गर, नगेट्स या सॉसेज जैसे रेडी-टू-ईट उत्पाद B12 के साथ फोर्टिफाइड होते हैं।

फोर्टिफाइड फूड्स का चुनाव करते समय ध्यान देने योग्य बातें:

  • लेबल ज़रूर पढ़ें — केवल उन्हीं उत्पादों का सेवन करें जिन पर “B12 fortified” या “contains vitamin B12” लिखा हो।
  • नियमित सेवन करें — चूंकि शरीर B12 को थोड़ा-थोड़ा करके अवशोषित करता है, इसलिए फोर्टिफाइड फूड्स को नियमित रूप से लेना लाभकारी होता है।
  • विविधता बनाए रखें — केवल एक ही स्रोत पर निर्भर न रहें; प्लांट मिल्क, न्यूट्रिशनल यीस्ट और सीरियल्स को बदल-बदल कर लें।

क्या फोर्टिफाइड फूड्स पर्याप्त हैं?

यदि आपके आहार में रोज़ाना पर्याप्त मात्रा में फोर्टिफाइड फूड्स शामिल हैं, तो B12 सप्लीमेंट की ज़रूरत नहीं पड़ सकती। परंतु यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी डेली इनटेक कितनी है और आपकी उम्र व स्वास्थ्य स्थिति क्या है। वृद्ध लोगों और गर्भवती महिलाओं को फिर भी अतिरिक्त सप्लीमेंट की ज़रूरत पड़ सकती है।

फायदे:

  • कोई अतिरिक्त दवा नहीं लेनी पड़ती।
  • भोजन के साथ प्राकृतिक रूप से पोषण मिल जाता है।
  • स्वाद और पोषण दोनों का संतुलन बना रहता है।

क्या सप्लीमेंट लेना ज़रूरी है?

वेगन डाइट अपनाने वाले अधिकतर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या विटामिन B12 के लिए सप्लीमेंट लेना अनिवार्य है? इसका सीधा और वैज्ञानिक उत्तर है — हाँ। चूंकि B12 प्राकृतिक रूप से केवल एनिमल-बेस्ड उत्पादों में पाया जाता है, इसलिए शुद्ध वेगन आहार में इसकी स्वाभाविक उपलब्धता नहीं होती। ऐसे में शरीर की आवश्यकता को पूरा करने के लिए फोर्टिफाइड फूड्स या सप्लीमेंट्स का सहारा लेना जरूरी हो जाता है।

सप्लीमेंट लेने के फायदे:

  1. कमी से बचाव: नियमित रूप से B12 सप्लीमेंट लेने से शरीर में इसकी कमी नहीं होती और इससे संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचा जा सकता है।
  2. सहज और सुलभ: आजकल बाजार में कई प्रकार के B12 सप्लीमेंट्स उपलब्ध हैं — टैबलेट, च्युइबल टैबलेट, स्प्रे और सबलिंगुअल फॉर्म (जीभ के नीचे लेने वाले)। ये आसानी से उपयोग किए जा सकते हैं।
  3. शरीर में अवशोषण बेहतर होता है: कुछ सप्लीमेंट्स में मिथाइलकोबालामिन जैसे फॉर्म होते हैं, जो शरीर द्वारा अधिक आसानी से अवशोषित होते हैं।
  4. नियमित डोज की सुविधा: सप्लीमेंट्स की खुराक को दैनिक या साप्ताहिक आधार पर आसानी से तय किया जा सकता है। कई लोग सप्ताह में एक बार उच्च मात्रा वाले सप्लीमेंट लेना पसंद करते हैं।

सही सप्लीमेंट कैसे चुनें?

  • फॉर्म देखना ज़रूरी है: सायनोकोबालामिन और मिथाइलकोबालामिन दो आम फॉर्म हैं। मिथाइलकोबालामिन अधिक बायोएक्टिव होता है।
  • डोज समझें: यदि आप डेली सप्लीमेंट लेते हैं तो 25–100 mcg पर्याप्त होता है, और यदि साप्ताहिक लेते हैं तो 2000 mcg तक ले सकते हैं।
  • शाकाहारी प्रमाणित ब्रांड चुनें जिन पर ‘vegan’ लेबल हो और जो किसी भी तरह के जानवर-आधारित इंग्रीडिएंट्स से मुक्त हों।

किन्हें अधिक सावधानी की ज़रूरत है?

  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं
  • वृद्ध व्यक्ति जिनमें अवशोषण कम होता है
  • वे लोग जो पहले से ही थकान, चिड़चिड़ापन, या संज्ञानात्मक समस्याओं से जूझ रहे हैं

विटामिन B12 की कमी के लक्षण और इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव

यदि किसी व्यक्ति को लंबे समय तक विटामिन B12 की पर्याप्त मात्रा नहीं मिलती, तो शरीर में इसकी कमी (Deficiency) के लक्षण धीरे-धीरे सामने आने लगते हैं। यह स्थिति वेगन लोगों में अधिक आम हो सकती है यदि वे सप्लीमेंट्स या फोर्टिफाइड फूड्स का सेवन नहीं करते। B12 की कमी के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:

  • थकान और कमजोरी: B12 लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होता है, जिनकी कमी से शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति घट जाती है, जिससे थकावट महसूस होती है।
  • स्मृति और एकाग्रता में कमी: मस्तिष्क में B12 की कमी से संज्ञानात्मक समस्याएं हो सकती हैं जैसे कि भूलने की आदत, फोकस करने में कठिनाई आदि।
  • हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्नता: B12 न्यूरोलॉजिकल हेल्थ के लिए आवश्यक होता है, इसकी कमी से नसों पर असर पड़ सकता है।
  • हृदय गति में बदलाव: हार्ट रेट तेज या अनियमित हो सकता है।
  • त्वचा पीली पड़ना (Pale skin): यह एनीमिया का संकेत हो सकता है, जो B12 की कमी से होता है।
  • अवसाद और मूड डिसऑर्डर: B12 न्यूरोट्रांसमीटर के संतुलन में सहायक होता है, इसकी कमी से डिप्रेशन और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है।

शुद्ध रूप से पौधों से B12 नहीं मिलता, तो फोर्टिफाइड फूड्स का क्या महत्व है?

फोर्टिफाइड फूड्स यानी ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें कृत्रिम रूप से विटामिन B12 मिलाया गया होता है। वेगन डाइट अपनाने वाले लोगों के लिए ये फूड्स एक प्रभावशाली माध्यम बन सकते हैं जिससे वे अपनी दैनिक B12 की ज़रूरत को पूरा कर सकें। बाज़ार में उपलब्ध कुछ सामान्य फोर्टिफाइड फूड्स में शामिल हैं:

  • प्लांट-बेस्ड मिल्क्स (सोया, बादाम, ओट मिल्क आदि)
  • ब्रेकफास्ट सीरियल्स (विशेष रूप से B12 से फोर्टिफाइड)
  • न्यूट्रिशनल यीस्ट (स्वाद और पोषण दोनों के लिए लोकप्रिय)
  • मांस के शाकाहारी विकल्प (जैसे फोर्टिफाइड टोफू, सोया नगेट्स)

क्या सभी वेगन लोगों को B12 सप्लीमेंट लेना चाहिए?

इसका उत्तर है — हां, बिल्कुल। क्योंकि शुद्ध रूप से पौधों से प्राप्त कोई भी खाद्य B12 की प्रामाणिक मात्रा प्रदान नहीं करता, इसलिए सभी वेगन लोगों को या तो नियमित रूप से फोर्टिफाइड खाद्य उत्पादों का सेवन करना चाहिए या फिर वैज्ञानिक रूप से स्वीकृत सप्लीमेंट लेना चाहिए। यह एक सुरक्षित, सस्ता और प्रभावी तरीका है जिससे शरीर में B12 का स्तर संतुलित बना रहता है।

B12 सप्लीमेंट न लेने पर धीरे-धीरे शरीर में इसकी कमी हो सकती है, जो कि गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्याओं को जन्म दे सकती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए खतरनाक है जो कई वर्षों से वेगन डाइट पर हैं और नियमित परीक्षण नहीं करवाते।


सही सप्लीमेंट कैसे चुनें?

जब आप बाजार में B12 सप्लीमेंट खोजते हैं, तो कई तरह के विकल्प सामने आते हैं — टैबलेट, कैप्सूल, लिक्विड, सब्लिंगुअल फॉर्म (जीभ के नीचे रखने वाली गोली), और इंजेक्शन तक।

  • साइनोकोबालामिन (Cyanocobalamin): सबसे सामान्य और स्थिर फॉर्म, अधिकतर सप्लीमेंट्स में यही होता है।
  • मेथाइलकोबालामिन (Methylcobalamin): यह अधिक बायो-एक्टिव माना जाता है, लेकिन कुछ मामलों में इसकी अवशोषण दर कम हो सकती है।

विटामिन B12 की भूमिका और कमी के प्रभाव

B12 शरीर में निम्नलिखित कार्यों के लिए जरूरी होता है:

  • डीएनए और लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण
  • न्यूरोलॉजिकल फंक्शन का सही संचालन
  • ऊर्जा उत्पादन में मदद
  • हॉर्मोन संतुलन

कमी के लक्षणों में शामिल हैं:

  • थकान और कमजोरी
  • याददाश्त में गिरावट
  • मूड स्विंग्स और डिप्रेशन
  • हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्नता
  • एनीमिया

कई बार ये लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और अन्य बीमारियों से मिलते-जुलते हैं, जिससे B12 की कमी को पहचानना मुश्किल हो जाता है।


क्या वेगन डाइट में B12 की कमी आम है?

हाँ, अध्ययनों से यह स्पष्ट हुआ है कि पूरी तरह प्लांट-बेस्ड डाइट अपनाने वाले लोगों में विटामिन B12 की कमी होना आम है। क्योंकि यह विटामिन प्राकृत रूप से केवल पशु-उत्पादों जैसे मांस, अंडा, दूध और चीज़ में पाया जाता है। पौधों में इसका कोई प्राकृतिक स्रोत नहीं है।

हालाँकि, इसका यह मतलब नहीं कि वेगन डाइट में B12 की पूर्ति नहीं हो सकती। आज ऐसे कई फोर्टिफाइड (fortified) खाद्य और सप्लीमेंट्स उपलब्ध हैं जो इस समस्या का प्रभावी समाधान बन चुके हैं।


वेगन स्रोतों से विटामिन B12 प्राप्त करने के तरीके

1. फोर्टिफाइड फूड्स (Fortified Foods)

Vegan Sources Of Vitamin B12
Vegan Sources Of Vitamin B12

ये ऐसे खाद्य पदार्थ होते हैं जिनमें कृत्रिम रूप से विटामिन B12 मिलाया गया होता है। इन्हें रोजमर्रा के आहार में शामिल करना आसान होता है और ये सुरक्षित भी होते हैं।

  • फोर्टिफाइड प्लांट मिल्क: जैसे कि सोया मिल्क, बादाम दूध, ओट मिल्क
  • ब्रेकफास्ट सीरियल्स: खासतौर पर वो जो विशेष रूप से “B12-fortified” के रूप में लेबल किए गए हों
  • न्यूट्रिशनल यीस्ट: यह एक पनीर जैसा स्वाद देता है और B12 से भरपूर होता है
  • वेगन मीट/बर्गर पैटीज: कई रेडीमेड वेगन उत्पादों में B12 मिलाया जाता है

👉 इन उत्पादों को खरीदते समय लेबल जरूर पढ़ें और सुनिश्चित करें कि उसमें “cyanocobalamin” या “methylcobalamin” शामिल हो।

2. विटामिन B12 सप्लीमेंट्स

Vegan Sources Of Vitamin B12
Vegan Sources Of Vitamin B12

यदि फोर्टिफाइड खाद्य पर्याप्त मात्रा में नहीं लिए जा रहे हैं, तो डॉक्टर से परामर्श कर सप्लीमेंट्स लेना सबसे विश्वसनीय विकल्प है।

  • डेली टैबलेट्स या सब्लिंगुअल टैबलेट्स (जीभ के नीचे रखने वाले)
  • हफ्तावार हाई डोज़ सप्लीमेंट
  • B12 इंजेक्शन (गंभीर कमी की स्थिति में)

डोज़ की अनुशंसा:
डॉक्टर आम तौर पर दैनिक 250mcg से 500mcg की सलाह देते हैं, या सप्ताह में 1000–2000mcg की।

इस लेख में हम विस्तार से चर्चा करेंगे:

  • Vitamin B12 की आवश्यकता और कार्य
  • Vegan आहार में इसकी कमी के कारण
  • Plant-based Vitamin B12 के स्रोत
  • फोर्टिफाइड फूड्स की सूची
  • सप्लीमेंट्स लेने के तरीके और सावधानियाँ
  • विशेषज्ञों की सलाह और रिसर्च आधारित सुझाव

Vitamin B12 की भूमिका और Vegan Diet में इसकी कमी क्यों?

Vitamin B12, जिसे cobalamin भी कहा जाता है, एक पानी में घुलनशील विटामिन है जो शरीर की कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में भाग लेता है। इसकी कमी से निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं:

  • एनीमिया
  • नर्वस सिस्टम में गड़बड़ी
  • थकान, कमजोरी और चक्कर आना
  • ध्यान और याददाश्त की कमी
  • डिप्रेशन और मूड स्विंग्स

चूंकि B12 मुख्यतः पशु स्रोतों से प्राप्त होता है, Vegan आहार में इसकी प्राकृतिक मात्रा ना के बराबर होती है। मिट्टी में पाए जाने वाले बैक्टीरिया Vitamin B12 उत्पन्न करते हैं, लेकिन आधुनिक कृषि पद्धति में भारी कीटनाशकों और रासायनों के कारण यह स्रोत भी समाप्त हो गया है। यही कारण है कि फोर्टिफाइड फूड्स और सप्लीमेंट्स पर निर्भर रहना पड़ता है।


Plant-Based Vitamin B12 स्रोत

1. फोर्टिफाइड प्लांट-बेस्ड मिल्क

सोया मिल्क, बादाम मिल्क, ओट मिल्क जैसे कई विकल्प अब बाजार में उपलब्ध हैं जो Vitamin B12 से फोर्टिफाइड होते हैं। प्रतिदिन 1 से 2 कप फोर्टिफाइड मिल्क पीना इस ज़रूरी विटामिन की पूर्ति में सहायक हो सकता है।

2. फोर्टिफाइड ब्रेकफास्ट सीरियल

कई ब्रेकफास्ट सीरियल जैसे कि कॉर्नफ्लेक्स और ओट्स, Vitamin B12 से फोर्टिफाइड होते हैं। इनका सेवन सुबह के नाश्ते में दूध या प्लांट-बेस्ड योगर्ट के साथ किया जा सकता है।

3. न्यूट्रिशनल यीस्ट (Nutritional Yeast)

यह एक प्रकार का इनएक्टिव यीस्ट होता है जो स्वाद में चीज़ जैसा होता है और इसे सलाद, पास्ता या टोस्ट पर छिड़का जा सकता है। कई ब्रांड्स का न्यूट्रिशनल यीस्ट Vitamin B12 से फोर्टिफाइड होता है और Vegan डाइट के लिए बहुत उपयोगी है।

4. वेगन सप्लीमेंट्स

यदि फोर्टिफाइड फूड्स पर्याप्त मात्रा में नहीं लिए जा रहे हैं, तो Vegan सप्लीमेंट्स लेना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। मार्केट में टैबलेट, कैप्सूल और लिक्विड फॉर्म में B12 उपलब्ध है। डॉक्टर की सलाह से इसे नियमित रूप से लिया जा सकता है।

5. शैवाल (Algae) और फंगस आधारित उत्पाद

कुछ शोध बताते हैं कि क्लोरेला (Chlorella) और नोरी (Nori – समुद्री शैवाल) जैसी चीज़ों में सीमित मात्रा में सक्रिय B12 पाया जाता है। हालांकि इसकी जैवउपलब्धता (Bioavailability) पर शोध अभी चल रहे हैं, इसलिए इसे मुख्य स्रोत नहीं माना जाता।


Vitamin B12 सेवन के सुझाव

  • B12 फोर्टिफाइड फूड्स को सप्ताह में कम से कम 3-4 बार ज़रूर खाएं।
  • रोजाना कम से कम 2.4 माइक्रोग्राम (mcg) Vitamin B12 की आवश्यकता होती है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अधिक मात्रा चाहिए।
  • सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।
  • हमेशा लेबल पढ़कर ही फोर्टिफाइड फूड्स का चुनाव करें।

Vitamin B12 की कमी के लक्षण और पहचान

Vegan डाइट अपनाने वालों के लिए सबसे बड़ा खतरा यह है कि शुरुआत में Vitamin B12 की कमी के लक्षण बहुत हल्के होते हैं और उन्हें नजरअंदाज करना आसान होता है। लेकिन समय के साथ ये लक्षण गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में बदल सकते हैं। इसलिए इन संकेतों को समय पर पहचानना और उनका समाधान करना अत्यंत आवश्यक है।

1. थकान और कमजोरी:

Vitamin B12 की कमी के सबसे आम लक्षणों में थकान, सुस्ती और लगातार ऊर्जा की कमी शामिल है। यह इसलिए होता है क्योंकि शरीर पर्याप्त मात्रा में लाल रक्त कोशिकाएं नहीं बना पाता, जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है।

2. मस्तिष्क संबंधी लक्षण:

ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, भूलने की बीमारी, भ्रम की स्थिति और चिड़चिड़ापन जैसे मानसिक लक्षण भी Vitamin B12 की कमी का संकेत हो सकते हैं।

3. नसों में झनझनाहट:

Vitamin B12 नर्वस सिस्टम की देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी से हाथ-पैरों में झनझनाहट, सुन्नता, और कभी-कभी दर्द भी हो सकता है।

4. मुंह और जीभ में समस्याएँ:

जीभ का लाल और सूजनयुक्त हो जाना, मुंह के कोनों में दरारें, या स्वाद में बदलाव Vitamin B12 की कमी के कारण हो सकते हैं।

5. दृष्टि में धुंधलापन:

अगर कमी ज्यादा हो जाए, तो यह ऑप्टिक नर्व को प्रभावित कर सकती है, जिससे दृष्टि धुंधली हो सकती है।

6. मूड और मानसिक स्वास्थ्य:

Vitamin B12 की कमी से serotonin नामक न्यूरोट्रांसमीटर के निर्माण में बाधा आ सकती है, जिससे डिप्रेशन और मूड स्विंग्स की संभावना बढ़ जाती है।

7. त्वचा और बालों में बदलाव:

त्वचा का पीला पड़ जाना (pale skin), बालों का झड़ना और नाखूनों का कमजोर होना भी इस कमी के लक्षण हो सकते हैं।

Vitamin B12 की कमी के लक्षण और पहचान

Vegan डाइट अपनाने वालों के लिए सबसे बड़ा खतरा यह है कि शुरुआत में Vitamin B12 की कमी के लक्षण बहुत हल्के होते हैं और उन्हें नजरअंदाज करना आसान होता है। लेकिन समय के साथ ये लक्षण गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में बदल सकते हैं। इसलिए इन संकेतों को समय पर पहचानना और उनका समाधान करना अत्यंत आवश्यक है।

1. थकान और कमजोरी:

Vitamin B12 की कमी के सबसे आम लक्षणों में थकान, सुस्ती और लगातार ऊर्जा की कमी शामिल है। यह इसलिए होता है क्योंकि शरीर पर्याप्त मात्रा में लाल रक्त कोशिकाएं नहीं बना पाता, जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है।

2. मस्तिष्क संबंधी लक्षण:

ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, भूलने की बीमारी, भ्रम की स्थिति और चिड़चिड़ापन जैसे मानसिक लक्षण भी Vitamin B12 की कमी का संकेत हो सकते हैं।

3. नसों में झनझनाहट:

Vitamin B12 नर्वस सिस्टम की देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी से हाथ-पैरों में झनझनाहट, सुन्नता, और कभी-कभी दर्द भी हो सकता है।

4. मुंह और जीभ में समस्याएँ:

जीभ का लाल और सूजनयुक्त हो जाना, मुंह के कोनों में दरारें, या स्वाद में बदलाव Vitamin B12 की कमी के कारण हो सकते हैं।

5. दृष्टि में धुंधलापन:

अगर कमी ज्यादा हो जाए, तो यह ऑप्टिक नर्व को प्रभावित कर सकती है, जिससे दृष्टि धुंधली हो सकती है।

6. मूड और मानसिक स्वास्थ्य:

Vitamin B12 की कमी से serotonin नामक न्यूरोट्रांसमीटर के निर्माण में बाधा आ सकती है, जिससे डिप्रेशन और मूड स्विंग्स की संभावना बढ़ जाती है।

7. त्वचा और बालों में बदलाव:

त्वचा का पीला पड़ जाना (pale skin), बालों का झड़ना और नाखूनों का कमजोर होना भी इस कमी के लक्षण हो सकते हैं।

Read More:Low Sodium Diet: लो-सोडियम डाइट

Vegan Sources Of Vitamin B12

FAQ:

1.क्या शुद्ध Vegan Diet अपनाने वालों को Vitamin B12 की कमी होना निश्चित है?

हां, अधिकांश शुद्ध Vegan आहार में Vitamin B12 प्राकृतिक रूप से नहीं पाया जाता। अगर आप फोर्टिफाइड फूड्स या सप्लीमेंट्स नहीं ले रहे हैं, तो B12 की कमी की संभावना काफी बढ़ जाती है।

2.Vegan लोगों के लिए सबसे अच्छा Vitamin B12 स्रोत कौन-सा है?

Vegan व्यक्तियों के लिए फोर्टिफाइड फूड्स जैसे सोया मिल्क, ब्रेकफास्ट सीरियल, न्यूट्रिशनल यीस्ट और प्रमाणित B12 सप्लीमेंट्स सबसे अच्छे स्रोत माने जाते हैं।

3.क्या न्यूट्रिशनल यीस्ट से पूरी तरह B12 की पूर्ति हो सकती है?

यदि वह ब्रांड फोर्टिफाइड है और पर्याप्त मात्रा में खाया जाए, तो न्यूट्रिशनल यीस्ट Vitamin B12 की आवश्यकता को पूरा करने में मदद कर सकता है। लेबल ज़रूर चेक करें।

4.कितनी मात्रा में Vitamin B12 की दैनिक आवश्यकता होती है?

व्यस्कों को प्रतिदिन लगभग 2.4 माइक्रोग्राम Vitamin B12 की आवश्यकता होती है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को थोड़ी अधिक मात्रा की आवश्यकता हो सकती है।

5.क्या शैवाल (Algae) जैसे नोरी और क्लोरेला Vegan B12 के भरोसेमंद स्रोत हैं?

इनमें कुछ मात्रा में B12 पाया गया है, लेकिन इनकी जैवउपलब्धता (bioavailability) अभी पूरी तरह प्रमाणित नहीं है। इसलिए मुख्य स्रोत के रूप में केवल इन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।

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